पंडित जी का ज्ञान और घमंड...
एक पण्डित जी कई वर्षो से काशी मे... शास्त्रो और वेदो का अध्ययन कर रहे थे... उन्हे सभी वेदो का ज्ञान हो गया था... पण्डित जी को लगा... कि अब वह अपने गांव के सबसे ज्ञानी व्यक्ति कहलायेगे... उनके अन्दर घमण्ड आ गया था... अगले दिन पण्डित जी अपने गांव जाने लगे... [ प्रेमानंद महाराज]
गांव मे आते ही एक किसान ने उनसे पूछा... क्या आप हमे बता सकते है... कि हमारे समाज मे लोग दुखी क्यो है... पण्डित जी ने कहा... लोगो के पास जीने के लिए पर्याप्त साधन नही है... अपनी जरुरत पूरी करने के लिए धन नही है... इसलिए लोग दुखी है...
किसान ने कहा... परन्तु पण्डित जी जिन लोगो के पास धन दौलत है... वह लोग भी दुखी है... मेरे पास धन सम्पत्ति है... फिर भी मै दुखी हूं... क्यो... पण्डित जी को कुछ समझ नही आया... कि वह किसान को क्या उत्तर दे... किसान ने कहा...
वह आपको अपनी सारी सम्पत्ति दान कर देगा... अगर आप उस के दुख का कारण पता करके... उसे बता दे तो... पण्डित जी ने उसकी सम्पत्ति के लालच मे कहा... ठीक है... मै कुछ दिनो मे ही आपके दुख का कारण ढूंढ लाऊंगा... यह कहकर पण्डित जी पुनह काशी चले गए...
किसान का सवाल और दुख का रहस्य...
उन्होने शास्त्रो और वेदो का फिर से अध्ययन किया... परन्तु उन्हे किसान के सवाल का जवाव नही मिला... पण्डित जी बहुत परेशान थे... वह सोच रहे थे... कि अगर मै किसान के सवाल का उत्तर नही दे पाया... तो लाखो की सम्पत्ति हाथ से चली जाएगी... उनकी मुलाकात एक औरत से हुई...
जो रोड पर भीख मांग कर अपना गुजारा करती थी... उसने पण्डित जी से... उनके दुख का कारण पूछा... पण्डित जी ने उसे सब कुछ बता दिया... उस औरत ने कहा... कि वह उनके सवाल का उत्तर देगी... परन्तु उसके लिए उन्हे मेरे साथ कुछ दिन रहना पडेगा...
एक भक्त की परीक्षा की कहानी पढ़ें 👉 Click Here
पण्डित जी कुछ देर चुप रहे... वह सोच रहे थे... कि वह एक ब्राह्मण है... इसके साथ कैसे रह सकते है... पण्डित जी ने फिर सोचा... कुछ दिनो की बात है... पण्डित जी उसके साथ रहने के लिए तैयार हो गए... कुछ दिन तक वह उसके साथ रहे... पर सवाल का उत्तर उस औरत ने नही दिया...
पण्डित जी ने उससे कहा... मेरे सवाल का उत्तर कब मिलेगा... वह औरत बोली... आपको मेरे हाथ का खाना खाना होगा... पण्डित जी मान गए... जो किसी के हाथ का पानी भी नही पीते थे... वह उस भिखारिन औरत के हाथ का बना खाना खा रहे थे... उनके सवाल का उत्तर अब भी नही मिला...
अब औरत ने बोला... उन्हे भी उनके साथ सडक पर खडे होकर भीख मांगनी पडेगी... पण्डित जी को किसान के सवाल का उत्तर पता करना था... इसलिए वह उसके साथ... भीख मांगने के लिए भी तैयार हो गए... उसके साथ भीख मांगने पर भी... उन्हे अभी तक सवाल का उत्तर नही मिला था...
एक दिन औरत ने पण्डित जी से कहा... कि उन्हे आज उसका झूठा भोजन खाना है... यह सुनकर पण्डित जी को गुस्सा आया... और वह उसपर चिल्लाये और बोले... तुम मुझे मेरे सवाल का उत्तर दे सकती हो तो बताओ... वह औरत मुस्कुराई और बोली... पण्डित जी यही तो आपके सवाल का उत्तर है...
हरपाल चोर की कहानी पढ़ें 👉 Click Here
यहा आने से पहले... आप किसी के हाथ का पानी भी नही पीते थे... मेरे जैसी औरतो को तो आप देखना भी पसन्द नही करते थे... परन्तु किसान की सम्पत्ति के लालच मे... आप मेरे साथ रहने के लिए भी तैयार हो गए...
पण्डित जी इंसान का लालच... और उसकी बढती हुई इच्छाए ही... उसके दुख का कारण है... जो उसे... वह सब कुछ करने पर मजबूर कर देती है... जो उसने कभी करने के लिए सोचा भी नही होता... लालच बुरी बला है... वीडियो मे कुछ नया सीखने को मिला हो... तो एक बार प्रेम से राधे राधे जरूर लिखना...
