पेलिकन पंछी के बारे में...
हमारी इस छोटी-सी दुनिया में पक्षियों की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां अपने सुंदर शरीर के लिए जानी जाती हैं, तो कुछ अपनी खास विशेषताओं के लिए। कुछ प्रजातियां केवल घास-फूस खाकर पेट भरती हैं, वहीं कुछ दूसरे पक्षियों या जानवरों का शिकार करके अपनी भूख मिटाती हैं।
ऐसे में आज हम आपके लिए एक ऐसा पक्षी लेकर आए हैं, जो सुंदर भी है और खतरनाक भी। इसे जब आप पहली बार देखेंगे, तो सोचेंगे कि यह एक शांत पक्षी है। लेकिन जब आपको इसकी हैवानियत के बारे में पता चलेगा, तो आपके भी होश उड़ जाएंगे।
दरअसल, हम जिस पक्षी के बारे में बात कर रहे हैं, उसका नाम है पेलिकन। यह एक ऐसा जीव है, जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक पक्षियों में गिना जाता है। पेलिकन एक समुद्री पक्षी है, जो अपनी लंबी और सुंदर चोंच के लिए जाना जाता है। यह अक्सर समुद्र के पास अपने शिकार की तलाश में भटकता रहता है, और जैसे ही इसे मौका मिलता है, यह अपने शिकार पर टूट पड़ता है।
आज के इस कहानी में हम आपको पेलिकन पक्षी से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी देने वाले हैं, तो कहानी में अंत तक हमारे साथ बने रहिएगा, ताकि कोई भी जानकारी मिस न हो पाए।
जानकारी शुरू......
सबसे पहले आपको बता दें कि पेलिकन समुद्र के आसपास पाए जाने वाले सबसे सुंदर, लेकिन खतरनाक पक्षियों में से एक है। यह अपने बड़े शरीर के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इसकी असली पहचान इसकी लंबी चोंच से होती है। पेलिकन की चोंच इतनी लंबी और लचीली होती है कि इसमें यह अपने पूरे शिकार को रख सकता है।
वैसे, यह चोंच उसके शिकार में कैसे मदद करती है, यह हम आपको थोड़ी देर में बताएंगे। लेकिन पहले ज़रा इसके शरीर और इसकी विशेषताओं को करीब से देख लेते हैं।
दुनिया में पेलिकन पक्षियों की करीब आठ प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ब्राउन पेलिकन, ग्रेट व्हाइट पेलिकन, ऑस्ट्रेलियाई पेलिकन, डालमेशियन पेलिकन, स्पॉट-बिल्ड पेलिकन आदि मुख्य हैं। ये पक्षी यूरोप से लेकर एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका तक कई जगह आसानी से देखने को मिल जाते हैं।
पेलिकन के बारे में कहा जाता है कि इनका अस्तित्व कुछ सालों का नहीं, बल्कि करोड़ों साल पुराना है। यहां तक कि कुछ समय पहले फ्रांस में एक पेलिकन पक्षी का जीवाश्म मिला था। इसे देखने के बाद यह बात सामने आई कि करीब 36 मिलियन साल पहले भी इस धरती पर पेलिकन जैसे पक्षी पाए जाते थे। वैसे, यह तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पेलिकन समुद्री पक्षी होते हैं।
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इसलिए आमतौर पर इन्हें पानी के पास ही देखा जाता है। यही नहीं, ये अपना निवास स्थान भी जलस्रोत के आसपास ही बनाते हैं। दरअसल, यह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि पानी के आसपास इन्हें अपने खाने के लिए आसानी से भोजन मिल जाता है।
पेलिकन के खाने में मुख्य रूप से मछलियां और पानी के छोटे जीव, साथ ही कई पक्षी और अन्य जीव शामिल होते हैं। लेकिन इन्हें मछलियां अधिक पसंद होती हैं, इसलिए ये अक्सर उनका शिकार कर अपना पेट भरते हैं।
पेलिकन पक्षी अपने बड़े पंखों के कारण उड़ने में तो माहिर होते ही हैं, साथ ही ये बेहद अच्छे तैराक भी साबित होते हैं। इसके अलावा, जो बात इन्हें और खास बनाती है, वह यह है कि पेलिकन पक्षी पानी की सतह से भी उड़ान भरने में माहिर होते हैं।
दरअसल, इसके पीछे कारण है पेलिकन के पैरों की बनावट, जो किसी झिल्लीनुमा जाली जैसी होती है, और इसी कारण ये बहुत अच्छी तरह से तैर सकते हैं। हालांकि इनके शरीर की तुलना में पेलिकन के पैर काफी छोटे होते हैं, लेकिन पैरों की इस बनावट का एक नुकसान भी है—ये तैर तो बहुत अच्छे से लेते हैं, मगर जमीन पर चलने में इन्हें काफी मुश्किल होती है।
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दोस्तों, पेलिकन पक्षी के रहने और खाने के बारे में तो हमने जानकारी हासिल कर ली। तो चलिए अब ज़रा इन पक्षियों के आकार से आपको अवगत करवा देते है।
आमतौर पर इन पक्षियों को हमारे आस-पास पाए जाने वाले सबसे बड़े पक्षियों में से एक माना जाता है, क्योंकि इनकी ऊंचाई करीब पाँच से लेकर छह फीट के बराबर होती है, जबकि इनका वजन 10 से लेकर 12 किलोग्राम तक पहुँच जाता है। देखा जाए तो यह वजन एक पक्षी के लिए काफी अधिक है, मगर इतना वजनी शरीर होने के बावजूद भी यह पक्षी आसमान में कई किलोमीटर की दूरी तक उड़ने में माहिर होता है।
हालांकि, धरती पर पाए जाने वाले हर पेलिकन के शरीर का वजन और आकार अलग-अलग होता है। अगर सबसे बड़े पेलिकन की बात करें, तो डालमेशियन पेलिकन को सभी पेलिकन में सबसे बड़ा माना जाता है। इनकी ऊंचाई तकरीबन छह फीट और वजन लगभग 10 से 12 किलोग्राम तक होता है।
इसके विपरीत, ब्राउन पेलिकन को इनकी सबसे छोटी प्रजाति माना जाता है, क्योंकि इनकी ऊंचाई लगभग 3 से 3.5 फीट और वजन लगभग 3 किलोग्राम तक होता है। इसके अलावा, आप ग्रेट व्हाइट पेलिकन को सबसे अधिक वजन वाले पेलिकन और ऑस्ट्रेलियाई पेलिकन को सबसे लंबी चोंच वाले पेलिकन के रूप में भी याद रख सकते हैं।
पेलिकन पंछी के चोंच की विशेषता...
वैसे, अब जब सबसे लंबी चोंच वाले इस पक्षी के बारे में बात हो ही रही है, तो आपको बता दें कि पेलिकन अपने सुंदर शरीर के साथ-साथ अपनी अजीब चोंच के लिए भी प्रसिद्ध है। दरअसल, इनकी इसी लंबी चोंच में एक थैलीनुमा संरचना पाई जाती है, जिसकी सहायता से यह अपने पूरे शिकार को भी इसके अंदर पकड़ लेता है।
पेलिकन पक्षी की इस चोंच का आकार करीब 20 इंच तक होता है। जब इसे अपने शिकार को पकड़ना होता है, तो यह इसी चोंच में पूरे शिकार को भर लेता है। चलिए, आपको इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझाते हैं—आप इस दृश्य में देख सकते हैं कि दो पेलिकन पक्षी समुद्र में खाने की तलाश में भटक रहे हैं। तभी उनमें से एक पेलिकन पानी में अपना मुंह डालता है और अपनी चोंच में एक मछली को भर लेता है।
यह मछली इतनी बड़ी है कि उसकी चोंच के अंदर भी साफ दिखाई दे रही है, लेकिन पेलिकन फिर भी उसे नहीं छोड़ता और उसे अपना भोजन बनाने की कोशिश करता है। आप इसकी चोंच को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी मजबूत और बड़ी होती है, क्योंकि इतनी बड़ी मछली को ऐसे पकड़ना कोई आसान बात नहीं है।
बेचारी मछली अपनी जान बचाने की कोशिश में लगी रहती है, लेकिन आखिरकार पेलिकन उसे निगल जाता है। हालांकि, ये पक्षी केवल मछलियों का ही शिकार नहीं करते, बल्कि इन्हें अक्सर छोटे पक्षियों से लेकर उनके बच्चों तक का शिकार करते हुए भी देखा जाता है।
ये अपने शिकार को इतनी चतुराई से अंजाम देते हैं कि बेचारे पक्षी कुछ समझ पाएं, उससे पहले ही पेलिकन उन्हें अपना भोजन बना लेते हैं। जैसे, आप इस दृश्य को ही देख लीजिए—कुछ पेलिकन आराम से गार्डन में टहल रहे हैं, उनके पास ही कुछ कबूतर भी हैं, जो उन्हें देखते ही फुदककर दूसरी जगह बैठ जाते हैं। लेकिन इसी बीच, एक पेलिकन पूरी रफ्तार से एक कबूतर पर टूट पड़ता है और उसे अपनी चोंच में भर लेता है।
इसके बाद, पेलिकन इस कोशिश में लगा रहता है कि कबूतर को जल्दी से जल्दी खाकर अपनी भूख मिटा सके, वहीं दूसरी ओर कबूतर भी अपनी जान बचाने के लिए पूरी ताकत लगाता है। वह पेलिकन की चोंच से किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश करता है।
इन दोनों के बीच जान लेने और बचाने की यह जद्दोजहद काफी देर तक चलती है, लेकिन आखिर में जीत पेलिकन की होती है, और वह कबूतर को अपना निवाला बना लेता है। बेचारे कबूतर ने शायद यह कभी नहीं सोचा होगा कि उसकी मौत इतनी दर्दनाक होगी।
इसके शिकार करने के तरीके और इसकी चोंच की मजबूती को तो आप देख ही चुके हैं। साथ ही, आपको यह भी बता दें कि पेलिकन वह पक्षी है जिसकी चोंच दुनिया के सभी पक्षियों में सबसे लंबी होती है। यही नहीं, चोंच में थैली लेकर घूमने वाला यह दुनिया का एकमात्र पक्षी है।
आपने भी शायद अब तक किसी और पक्षी की ऐसी थैलीनुमा चोंच नहीं देखी होगी। यह अपनी इस थैली में अपने शिकार को तो कैद करता ही है, लेकिन इसके अलावा बारिश का पानी पकड़ने के लिए भी इस चोंच का इस्तेमाल करता है।
वैसे, शिकार को निगलना इसके लिए भी आसान नहीं होता। लेकिन आपको बता दें कि इसकी चोंच के अंदर एक छोटी और मजबूत जीभ होती है, जिसकी सहायता से यह बड़े शिकार को भी निगल जाता है। शायद आपको यह बात थोड़ी हैरानी भरी लगे, लेकिन एक पेलिकन पक्षी अपनी इस चोंच में करीब 10 लीटर पानी तक भी स्टोर करने में माहिर होता है।
इन पेलिकन पक्षियों की चोंच से आम तौर पर किसी भी शिकार का निकल पाना या इसकी चोंच को नुकसान पहुंचा पाना आसान नहीं होता। लेकिन, इस दुनिया में एक ऐसा जीव भी है जो इसकी मजबूत चोंच को भी नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, इस जानवर का नाम है कछुआ। अब शायद आप सोच रहे होंगे—आखिर कछुआ कैसे?
तो आपको बता दें कि आमतौर पर पेलिकन जिन जीवों को अपना शिकार बनाता है, उनका शरीर नाजुक होता है। लेकिन वहीं, अगर आप कछुए को देखें तो उसका कवच इतना मजबूत होता है कि पेलिकन न तो इसे तोड़ पाता है और न ही निगल पाता है। इसके अलावा, कछुए के कारण पेलिकन की थैली में छेद तक हो जाता है।
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जैसे कि आप इस पेलिकन को देख सकते हैं, जिसकी चोंच पूरी तरह से कई छेदों से भरी पड़ी है। हालांकि इसके बावजूद भी वह बाज नहीं आ रहा और एक कछुए से लड़ाई करने में लगा हुआ है। वह उस कछुए को अपनी चोंच से पकड़ने और उसे चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन अब बारी कछुए की आती है, और वह पेलिकन की पकड़ से आज़ाद होकर उसी पर हमला करने के लिए आगे बढ़ जाता है। कछुए को ऐसे आते देख पेलिकन सतर्क हो जाता है और तुरंत वहाँ से भागकर अपनी जान बचाने में लग जाता है।
वैसे, आपको बता दें कि अगर एक बार पेलिकन की इस थैली में छेद हो जाए, तो फिर वह शिकार पकड़ने के लायक भी नहीं रहता, क्योंकि यही थैली उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि जब किसी पेलिकन की थैली फट जाए, तो इसका मतलब है कि वह अपनी मौत के काफी करीब पहुँच चुका है।
इन शिकारी पक्षियों के हमलों से लेकर इनके शरीर के आकार के बारे में तो हम जान चुके हैं।
कुछ पेलिकन की और जानकारी .....
लेकिन अभी इससे जुड़ी कई ऐसी जानकारियां हैं, जो बेहद दिलचस्प साबित होती हैं। जैसे कि नर पेलिकन के शरीर का आकार और वजन, मादा पेलिकन के मुकाबले बड़ा होता है। चोंच की लंबाई के मामले में भी नर, मादा से एक कदम आगे होते हैं। वहीं इन पेलिकन की एक और बड़ी खासियत है कि ये केवल दिन के समय ही शिकार के लिए निकलते हैं।
पेलिकन को तटीय इलाकों के पास रहना ज़्यादा पसंद होता है और इसी कारण यह अपने लिए ऐसे पेड़ों का चयन करते हैं, जो पानी के पास हों। वैसे, ज़्यादातर पेलिकन पेड़ों पर ही अपना घोंसला बनाते हैं, मगर इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं, जो जमीन पर घोंसला बनाकर रहना पसंद करते हैं। हालांकि ये चाहे जमीन पर रहें या पेड़ों पर, हमेशा झुंड में रहते हैं।
दरअसल, इसकी दो वजह हैं— पहली वजह तो यह है कि झुंड में रहने के कारण इन्हें दूसरे जानवरों से खतरा कम हो जाता है। दूसरी वजह यह है कि यह पक्षी हमेशा झुंड में उड़ते हैं। यही नहीं, जब ये साथ में उड़ान भरते हैं, तो इन्हें देखना भी काफ़ी आकर्षक लगता है।
तो दोस्तों, आपको पेलिकन पक्षी के बारे में यह जानकारी कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताइए।
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साथ ही, जाते-जाते बेल आइकन दबाना न भूलें, ताकि हमारी आने वाली सभी वीडियो के नोटिफिकेशन आपको सबसे पहले मिल जाएं। तो जल्दी मिलते हैं, फिर एक नई कहानी के साथ।