एक अनोखी सीख...
एक बार एक व्यक्ति की ... उसके बचपन के टीचर से मुलाकात होती है ... वह उनके चरण स्पर्श कर अपना परिचय देता है ... वे बडे प्यार से पुछती है ... अरे वाह आप मेरे विद्यार्थी रहे है ... अभी क्या करते हो ... क्या बन गए हो ...
वह व्यक्ति बोला मै भी एक टीचर बन गया हूं ... और इसकी प्रेरणा मुझे आपसे ही मिली थी ... जब मे सात वर्ष का था ... उस टीचर को बडा आश्चर्य हुआ ... और वे बोली कि ... मुझे तो आपकी शक्ल भी याद नही आ रही है ... उस उम्र मे मुझसे कैसी प्रेरणा मिली थी ...
वो व्यक्ति कहने लगा कि .... यदि आपको याद हो ... जब मे चौथी क्लास मे पढता था ... तब एक दिन सुबह सुबह मेरे सहपाठी ने ... उस दिन उसकी महंगी घडी चोरी होने की ... आपसे शिकायत की थी ... आपने क्लास का दरवाजा बन्द करवाया ...
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और सभी बच्चो को ... क्लास मे पीछे ... एक साथ लाइन मे खडा होने को कहा था ... फिर आपने सभी बच्चो की जेबे टटोली थी ... मेरे जेब से आपको घडी मिल गई थी ... जो मैने चुराई थी ... चूंकि आपने सभी बच्चो को अपनी आंखे बंद रखने को कहा था ... तो किसी को पता नही चला ... कि घडी मैने चुराई थी ...
टीचर उस दिन आपने मुझे ... लज्जा व शर्म से बचा लिया था ... और इस घटना के बाद ... कभी भी आपने अपने व्यवहार से ... मुझे यह नही लगने दिया ... कि मैने एक गलत कार्य किया था ... आपने बगैर कुछ कहे ... मुझे क्षमा भी कर दिया ... और दूसरे बच्चे मुझे चोर कहते इससे भी बचा लिया था ...
ये सुनकर टीचर बोली ... मुझे भी नही पता था बेटा ... कि वो घडी किसने चुराई थी ... वो व्यक्ति बोला नहीं टीचर ये कैसे संभव है ... आपने स्वयं अपने हाथो से चोरी की गई घडी ... मेरे जेब से निकाली थी ... टीचर बोली ... बेटा मै जब सबके पॉकेट चेक कर रही थी ...
उस समय मैने कहा था ... कि सब अपनी आंखे बंद रखेंगे ... और वही मैने भी किया ... मैने स्वयं भी अपनी आंखे बंद रखी थी ... मित्रो किसी को उसकी ऐसी शर्मनाक परिस्थिति से बचाने का ... इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है ...
आइए प्रण करे ... की यदि हमे किसी की कमजोरी मालूम भी पड जाए ... तो उसका दोहन करना तो दूर ... उस व्यक्ति को ये आभास भी ना होने देना चाहिये ... कि आपको इसकी जानकारी भी है ... कुछ नया सीखने को मिला हो तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें ... और कमेंट मे राधे कृष्णा जरूर लिखे ...