प्रेमानंद महाराज की किशोरी जी की लीला | भाग 4 | Hindi Kahani

🎧 इस कहानी को सुनें – भाग 04:

इसके आगे के भाग अपलोड है, यहा से देखें 👉 Click Here

भगवान कृष्ण और सुबल का अद्भुत दृश्य,

इनके जो गुरु थे, वह सुबल का चिंतन करते थे, सुबल ठाकुर जी के सखा है, किशोरी जी ने सुबल को बुलाया, श्यामा जू आग्या करो, आपको हमारी सहायता करना है, एक महात्मा पर हमने कृपा करके, उसको नूपुर का चिन्ह दिया है, उनके गुरूदेव को विस्वास नही हो रहा है।

की ये चिन्ह हमने दिया है, वो आपकी आराधना करते है, आप जाकर उनको ये प्रमाण दे दो, की ये चिन्ह हमने दिया है, क्योकि उस सभा मे कई लोग ऐसे है, जिनको मेरे दर्शन का अधिकार नही है, और दूसरी बात, अब मेरी सखी दुबारा जाने नही देंगी।

इसलिए आप जाकर ये प्रमाणित करदो, की ये चिन्ह मैने दिया है, तब भगवान के सखा सुबल, साक्षात्कार वहा उस आश्रम मे प्रकट हो गए, जैसे ही देखा, की दिव्य तेज, और दिव्य शक्ति निकल रही है, सबने प्रणाम किया, गुरूदेव ने पूछा देव आपका परिचय। 

जब सुबल स्वयं आश्रम मे प्रकट हो गए...

सुबह सखा प्रणाम दे रहे है,

बोले मै भगवान का सखा सुबल हूं, आपका यहा कैसे आना हुआ, हे गुरूदेव, आप अपने शिष्य पर, इतना आक्रोश कर रहे हो, इनके माथे पर जो तिलक है, वो स्वयं किशोरी जी ने दिया है, आप इनके ऊपर नाराज मत हो, इतना कह सुबल अदृश्य हो गए, 

अब गुरूदेव को आत्म ग्लानि होने लगी, मेरे चेला को ठाकुर जी मिल गए, किशोरी जी मिल गई, और मुझे ही विस्वास नही हुआ। तब बाबा के गुरूदेव ने, अपने गुरूदेव के पास गए, और बोले, मुझसे बहुत बडा अपराध हो गया है, गुरू शिष्य पर क्रोध कर सकता है।

लेकिन शिष्य पर किशोरी जी ने कृपा की, और मैने उसपर प्रश्न उठा दिया, इसका तो मुझे दंड मिलना चाहिए, सभी श्रेष्ठ जनो ने चर्चा की, और फिर बाद मे बोले, आप दंड उत्सव कीजिए, बोले इसमे क्या करना है, आप के घर मे जितनी जमा पूंजी है।

उसको संत महात्माओ के, भोजन मे लगाओ, बहुत ही अच्छा उत्सव करो, और सभी महात्माओ को दंडवत प्रणाम करो, और सभी से क्षमा मांगो, जब आपका सम्पूर्ण धन खत्म हो जाए, सभी संतो से क्षमा मांगो, और अपने घर मे कोई महापुरुष से कीर्तन कराओ।

जब उनके यहां गुरूदेव ने क्षमा का उपाय बताया...

गुरूदेव हाथ जोड़कर क्षमा मांग रहे है,

सात राजा और रानियों की कहानी पढ़ें 👉 Click Here 

सभी वैष्णवो से क्षमा मांगो, तब जाकर इस अपराध से मुक्ति मिलेगी, गुरूदेव ने इसके बाद वह सब किया, जो उनके परम पूजनीय गुरूदेव ने आदेस दिया, ये बहुत ही अद्भुत कथा है, जो इसी कलयुग की है।

मुझे बताने की जरूरत नही है, की प्रेमानंद महाराज जी के तेज को, आज भी हम देख सकते है, भगवान को केवल, सरल स्वभाव का ही व्यक्ति प्रीय है, जो हर क्षण दुर्व्यवहार करता है, और अहित करता है।

तो ऐसे लोगो को अपने जीवन मे, बहुत कष्टो का सामना करना पडता है, इस कथा का अनुभव क्या रहा, हमे एक प्यारे से कमेंट मे जरूर बताना, और एक बार प्रेम से बोलो जय श्री राधे कृष्णा।

इस कहानी को वीडियो की सहायता से देखें 👉 Watch Video 

संत सूरदास की अद्भुत कहानी पढ़ें 👉 Click Here 


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने