एक भक्त था ... वह रोज बिहारी जी के मंदिर जाता था ... पर मंदिर मे बिहारी जी की जगह ... उसे एक ज्योति दिखाई देती थी ... मंदिर मे बाकी के सभी भक्त कहते- वाह ... आज बिहारी जी का श्रंगार कितना अच्छा है ... बिहारी जी का मुकुट ऐसा ... उनकी पोशाक ऐसी ... तो वह भक्त सोचता ... बिहारी जी सबको दर्शन देते है ... पर मुझे क्यो केवल एक ज्योति दिखायी देती है ...
हर दिन ऐसा होता ... एक दिन बिहारी जी से बोला ऐसी क्या बात है ... की आप सबको तो दर्शन देते है ... पर मुझे दिखायी नही देते ... कल आप को मुझे दर्शन देना ही पडेगा ... अगले दिन फिर मंदिर गया .. फिर बिहारी जी उसे जोती के रूप मे दिखे ... वह बोला बिहारी जी अगर कल मुझे आपने दर्शन नही दिये ... तो मे यमुना जी मै डूबकर मर जाऊगा ...
उसी रात मे बिहारी जी एक कोडो के सपने मे आये ... जो कि मंदिर के रास्ते मे बैठा रहता था ... और बोले तुम्हे अपना कोड ठीक करना है ... वह कोडी बोला ... हां भगवान ... भगवान बोले - तो सुबह मंदिर के रास्ते से एक भक्त निकलेगा ... तुम उसके चरण पकड लेना ...
और तब तक मत छोडना ... जब तक वह ये न कह दे ... कि बिहारी जी तुम्हारा कोड ठीक करे ... अगले दिन वह कोडी रास्ते मे बैठ गया ... जैसे ही वह भक्त निकला ... उसने चरण पकड लिए ... और बोला पहले आप कहो कि मेरा कोड ठीक हो जाये ... वह भक्त बोला मेरे कहने से क्या होगा ... आप मेरे पैर छोड दीजिये ...
कोडी बोला जब तक आप ये नही कह देते ... की बिहारी जी तुम्हारा कोड ठीक करे ... तक तक मै आपके चरण नही छोडूगा ... भक्त वैसे ही चिंता मे था ... कि बिहारी जी दर्शन नही दे रहे ... ऊपर से ये कोडी पीछे पड गया ... तो वह झुंझलाकर बोला ... जाओ बिहारी जी तुम्हारा कोड ठीक करे ... और मंदिर चला गया ... मंदिर जाकर क्या देखता है ...
बिहारी जी के दर्शन हो रहे है ... बिहारी जी से पूछने लगा ... अब तक आप मुझे दर्शन क्यो नही दे रहे थे ... तो बिहारी जी बोले तुम मेरे निष्काम भक्त हो ... आज तक तुमने मुझसे कभी कुछ नही मांगा ... इसलिए मै क्या मुंह लेकर तुम्हे दर्शन देता ... यहा सभी भक्त कुछ न कुछ मांगते रहते है .... इसलिए मे उनसे नजरे मिला सकता हूं ...
पर आज तुमने रास्ते मे उस कोडी से कहा ... कि बिहारी जी तुम्हारा कोड ठीक कर दे ... इसलिए मे तुम्हे दर्शन देने आ गया ... दोस्तो भगवान की निष्काम भक्ति ही करनी चाहिए ... भगवान की भक्ति करके ... यदि संसार के ही भोग सुख ही मांगे ... तो फिर वह भक्ति नही वह तो सोदेबाजी है ...
कहानी मे सीखने को मिला हो तो, मे एक बार जय श्री कृष्ण जरूर लिखे ...
धन्यवाद ...