कहानी जो आपके दिल को छू जाए।
मै अपनी सीट पर बैठा था ... दिल्ली के लिए उडान भरते हुए ... लगभग छह घंटे की यात्रा थी ... मैने सोचा एक अच्छी किताब पढ़ूंगा ... और एक घंटा सो लूंगा ... टेकऑफ़ से ठीक पहले ... लगभग दस सैनिक आए ... और मेरे आस पास की सीटो पर बैठ गए ... यह देखकर मुझे रोचक लगा ...तो मैने बगल मे बैठे एक सैनिक से पूछा ... आप कहा जा रहे है ... हम आगरा जा रहे है सर ... उसने जवाब दिया ... वहा दो हफ्ते की ट्रेनिंग है ... फिर हमे एक ऑपरेशन पर भेजा जाएगा ... ऐसे ही एक घंटा बीत गया ... थोडी देर बाद एक घोषणा हुई ... जो यात्री चाहे ... खरीद के आधार पर .... उनके लिए लंच उपलब्ध है ... मैने सोचा ... अभी लंबा सफर बाकी है ... शायद मुझे भी खाना लेना चाहिए ... जैसे ही मैने वॉलेट निकाला ... मैने सैनिको की बातचीत सुनी ... चलो हम भी लंच ले ले ... एक ने कहा नहीं यार ... यहा बहुत महंगा है ... जमीन पर उतरकर किसी ढाबे मे खा लेगे ... पहला बोला ठीक है भाई ...
मै चुपचाप एयर होस्टेस के पास गया और कहा ... इन सभी को लंच दे दीजिए ... और मैने सबका भुगतान कर दिया ... उसकी आंखो मे आंसू थे ... बोली मेरे छोटे भाई की पोस्टिंग कारगिल मे है सर ...ऐसा लगा जैसे आप उसे खाना खिला रहे हो ...उसने सिर झुकाकर नमस्कार किया ... वो पल मेरे दिल को छू गया ... आधे घंटे मे सभी सैनिको को उनके लंच बॉक्स मिल गए ... खाना खत्म करने के बाद ... मै फ्लाइट के पीछे वॉशरूम की ओर गया ... पीछे की सीट से एक वृद्ध व्यक्ति आए ... मैने सब देखा ... आप सराहना के पात्र है ... उन्होने हाथ बढाते हुए कहा ... मै भी इस पुण्य मे भाग लेना चाहता हूं ... उन्होने चुपचाप पांच सौ मेरे हाथ मे रख दिए ... मै वापस अपनी सीट पर आ गया ... आधे घंटे बाद ... सीट नंबर देखता हुआ ... विमान का पायलट मेरी सीट तक आया ... मै आप से हाथ मिलाना चाहता हूं ...
मैं खडा हुआ ... उसने हाथ मिलाते हुए कहा ... मै कभी फाइटर पायलट था ... तब किसी ने यूं ही मेरे लिए भोजन खरीदा था ... वो प्यार का प्रतीक था ... जो मै कभी नही भूला ... आपने वही याद ताज़ा कर दी ... सभी यात्रियो ने ताली बजाई ... मुझे थोडी झिझक हुई ... मैने ये सब प्रशंसा के लिए नही किया था ... बस एक अच्छा कार्य किया ... मै थोडा आगे बढा ... एक अठारह साल का युवक आया ... मुझसे उसने हाथ मिलाया ... और एक नोट मेरी हथेली मे रख दिया ... जब यात्रा समाप्त हो गई ... जैसे ही मै विमान से उतरने के लिए दरवाजे पर पहुचा ... एक व्यक्ति चुपचाप कुछ मेरी जेब मे रखकर चला गया ... मैने देखा फिर एक नोट ... विमान से बाहर निकलते ही देखा ... सभी सैनिक एकत्र थे ... मैं भागा और सभी यात्रियो द्वारा दिए गए नोट्स ... उन्हे सौंप दिए ... इसे आप खाने या किसी भी ज़रूरत मे उपयोग करिए ... जब तक ट्रेनिंग साइट पर पहुंचे ... जो हम देते है ... वो कुछ भी नही है ... उस बलिदान के आगे ... जो आप हमारे लिए करते है ...
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भगवान आपको और आपके परिवारो को आशीर्वाद दे ... मैने नम आंखो से कहा ... अब वे दस सैनिक केवल रोटी नही ... एक पूरे विमान का प्यार साथ लेकर जा रहे थे ... मै अपनी कार मे बैठा ... और चुपचाप प्रार्थना की हे प्रभु इन वीर जवानो की रक्षा करना ... जो इस देश के लिए जान देने को तैयार रहते है ... एक सैनिक एक खाली चेक की तरह होता है ... जो भारत के नाम पर किसी भी राशि के लिए भुनाया जा सकता है ... यहा तक कि जीवन तक ... दुर्भाग्य है कि आज भी बहुत लोग इनकी महानता नही समझते ... भारत माता के बेटो का सम्मान स्वयं का सम्मान है ...
प्यारे जवानो के लिए जय हिंद जरूर लिखे ...